[ad_1]
हाइलाइट्स
हमास ने पिछले एक महीने से 200 से अधिक इजरायलियों को बंधक बना कर रखा है.
बंधकों की तलाश में इजरायली सेना की मदद के लिए अमेरिका ने एमक्यू-9 रीपर ड्रोन दिए हैं.
खास सेंसर वाले ये ड्रोन इजरायली सेना के साथ तालमेल कर गाजा की हवाई क्षेत्र में घूम रहे हैं.
इजरायल हमास युद्ध की शुरुआत हुए एक महीना हो गया है. पिछले महीने की 7 तारीख को हमास के इजरायल के हमले के बाद शुरू हुआ इजरायल हमास युद्ध में इजरायल लगातार गाजा पर हमास के ठिकानों पर चुन चुन कर हमले कर रहा है. लेकिन एक महीने से 200 से भी अधिक इजरायली बंधक हमास के कब्जे में हैं जिन्हें गाजा में ही कहीं रखा गया है. माना जा रहा है कि हमास ने इन बंधकों को गाजा की सुरंगों में रखा है. लेकिन इनकी तलाश अब भी जारी है. बंधकों की तलाश करने में मदद के लिए अमेरिका के एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की पहले खेप गाजा पहुंच चुकी है.
गाजा के हवाई क्षेत्र में
इन यूएवी बहुल एमक्यृ-9 रीपर ड्रोन को अब गाजा के हवाई क्षेत्र के ऊपर भेजा जा चुका है जहां ये इजरायली सेना के साथ तालमेल बनाते हुए बंधकों की तलाश कर रहे हैं. पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट रायडर का कहना है कि ड्रोन बंधकों की तलाश के प्रयासों में मदद कर रहे हैं जो करीब एक महीने से हमास के कब्जे में है.
युद्ध की शुरुआत से ही
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रायडर का यह बयान तब आया जब फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट पर अनमैन्ड एरियल व्हीलकल (यूएवी) के अवलोकन की रिपोर्ट सामने आई. रायडर ने स्पष्ट किया कि ये यूएवी 7 अक्टूबर के हमले के बाद से ही सक्रिय हैं. पैंटागन के बयान में कहा गया है कि अमेरिका गाजा के ऊपर यूएवी की उड़ानों का संचालन कर रहा है.
अमेरिका शुरू से ही इजरायल के साथ
बयान के मुताबिक अमेरिका इजरायली सेना को लगातार बंधकों की तलाश करने में सहयोग करने के साथ ही सलाह मशवरा भी दे रही है. गौरतलब है कि हमास के हमले के बाद से ही अमेरिका ने इजरायल को हर संभव मदद करने का ऐलान किया है और साथ ही इजरायल के हमास को जड़ से खत्म करने के संकल्प का भी समर्थन किया है.
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन. इजरायल हमास युद्ध की शुरुआत से ही गाजा के ऊपर काम कर रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
क्या है ये एमक्यू-9 रीपार ड्रोन?
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स का विकसिक किया गया अनमैन्ड एरियल व्हीकल, यानी यूएवी है. यह 50 हजार फुट की ऊंचाई पर जा सकता और 27 घंटों तक निगारानी करने का काम बिना रुके, लगातार कर सकता है. इसमें उन्नत तकनीकी वाले कैमरा, सेंसर्स, राडार सिस्टम, लगे होते हैं जिससे यह एक बहुत ही शक्तिशाली इंटेलिजेंट गैदरिंग टूल माना जाता है.
यह भी पढ़ें: Explainer: क्या इजरायल हमास युद्ध को कोई दिशा दे पाएगा हिजबुल्लाह?
खास तरह की क्षमताओं से सुसज्जित
इस ड्रोन का पंखों का फैलाव 20 मीटर है जिसमें हनीवेल इंजेन की शक्ति लगी है जिसकी ईंधन क्षमता 1769 किलोग्राम है जबकि इसकी अधिकतम गति 44 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसके साथ इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल ले जाने की क्षमता भी है. यह रीपर पिछले 16 साल से अमेरीकी एयरफोर्स की हिस्सा बना हुआ है.
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की खासियते इन्हें गाजा के हालात में बंधकों की तलाश में मुफीद बनाती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
खास तरह के सेंसर्स
पैंटागन के बयान से साफ जाहिर है कि एमक्यू-9 रीपर का गाजा का हवाई क्षेत्र में खास तौर से बंधकों के रखने की जगह को खोजने के लिए रखा हुआ है. इसके उच्च शक्ति वाले कैमरा खास तरहके ऊष्मा संवेदी सेंसर्स से युक्त हैं जो कि कम रोशनी में भी काम कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार अभी तक कम से कम छह ऐसे रीपर ड्रोन इलाके में घूम रहे हैं जिसमें अधिकांश गाजा के दक्षिणी इलाके में घूम रहे हैं.
यह भी पढ़ें: इस्लामी कट्टरपंथ से निपटने के लिए कौन सा प्लान बना रहा है अमेरिका?
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन के उपयोग के कई लाभ हैं. ये इसी तरह की क्षमता के क्रू वाले विमान की तुलना में किफायती हैं और ये संचालकों के लिए बहुत ही सुर7त हैं क्योंकि इन्हें चलाने के लिए इंसानी पायलट की जरूरत नहीं होती है. लंबे समय तक हवा में रहने की क्षमता के कारण ये इंटेलिजेंस की जानकारी हासिल करने के लिहाज से बहुत उपयुक्त होते हैं. इनकी मदद से इजरायली सेना के गलती से फिलीस्तीनी नागरिकों पर हमला करने की संभावना भी कम हुई है.
.
Tags: Gaza, Hamas, Hamas attack on Israel, Israel, Research, USA, World
FIRST PUBLISHED : November 6, 2023, 09:36 IST
[ad_2]
Source link